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‘भारतीय शिक्षा – ज्ञान की बात’

-वासुदेव प्रजापति

आपने भारतीय शिक्षा ग्रन्थमाला का संक्षिप्त परिचय प्राप्त किया है। संक्षिप्त परिचय से ही यह ध्यान में आया होगा कि यह ग्रन्थमाला ज्ञान का एक सागर है। हम इस सागर में गोता लगाकर ज्ञान का एक-एक मोती चुनकर लायेंगे, और इस नये स्तम्भ के माध्यम से आप तक पहुँचाएँगे। इस नये स्तम्भ का शीर्षक है –

भारतीय शिक्षा – ज्ञान की बात

हमारे देश का नाम भारत है। भारत का अर्थ है, ज्ञान में रत रहने वाला देश। हमारा देश आदिकाल से ज्ञान का उपासक रहा है। ज्ञानवान देश होने के कारण ही भारत विश्व गुरु रहा है। इस स्तम्भ में हम विश्वगुरु भारत की ज्ञान संकल्पना को समझेंगे।

और पढ़े पुस्तक परिचय : भारतीय शिक्षा ग्रंथमाला

(लेखक शिक्षाविद् है, भारतीय शिक्षा ग्रन्थमाला के सह संपादक है और विद्या भारती संस्कृति शिक्षा संस्थान के सह सचिव है।)

Source : Rashtriya Shiksha

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