भारतीय शिक्षा के पुरोधा: श्रद्धेय लज्जाराम तोमर
Article Editorial Hindi News Paper Personality

भारतीय शिक्षा के पुरोधा: श्रद्धेय लज्जाराम तोमर

–ब्रह्माजी राव विद्या भारती अखिल भारतीय मंत्री एवं क्षेत्रीय संगठन मंत्री, विद्या भारती पूर्वोत्तर क्षेत्र किसी भी देश की शिक्षा उस देश के जीवन दर्शन, संस्कृति के अनुरूप होना चाहिए। तभी वह देश शक्तिशाली, समृद्धशाली होकर सारी मानव जाति और आगे जाकर सम्पूर्ण विश्व ब्रह्माण्ड का संरक्षण एवं संवर्धन में अपनी भूमिका सफलता से पालन […]

Personality

दत्तोपंत ठेंगड़ी || DATTOPANT THENGADI

श्रद्धेय श्री दत्तोपंतजी ठेंगडी जी के बौद्धिक 👇 संगठन के सूत्र  कार्यकर्ता संघ की कार्यपद्धती यशस्वी नेतृत्व के लिये आवश्यक गुण हम अपनी रस्सीया खुद काटे श्री गुरुजी व्यक्तिदर्शन पत्ररूप श्री गुरुजी श्री गुरुजी एक विलक्षण नेतृत्व डॉक्टरजी का जीवन संदेश इक्कीसावी शताब्दी , हिंदू शताब्दी स्वयंसेवक अर्थात सुसंस्कारित हिंदू डॉ बी. एस. मुंजे स्मृती […]

Personality उत्सव

भगवान झूलेलाल – चैत्र शुक्ल द्वितीया झूलेलाल जयंती विशेष

भगवान झूलेलाल जयंती सिंधी समाज में बड़े उत्साह और जोश के साथ मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार झूलेलाल जयंती चैत्र मास की द्वितीया तिथि को मनाई जाती है। ऐसा माना जाता है कि झूलेलाल जी भगवान वरुणदेव के अवतार है। भगवान झूलेलाल की जयंती को सिंधी समाज चेटीचंड के रूप में मनाता है, […]

Personality

श्री गुरु नानक देव जी के त्रि-सूत्री सिद्धांत – 12 नवंबर 550वां प्रकाश वर्ष विशेष

– डॉ० नरेंद्र सिंह विर्क भारतीय पंरपरा के अनुसार, जब दुनिया में अन्याय, उत्पीड़न, सामाजिक, आर्थिक और धार्मिक स्थिति अधोगति में जाने लगे तो उस समय दुनिया में कोई अवतार या गुरु आगमन होता है जो दुनिया को पतन से उठाकर, सच्चे गुणों को अपना कर ईश्वर के साथ विलय होने का रास्ता दिखता है। […]

Personality

गाँधी जी का शिक्षा सिद्वान्त – 2 अक्तूबर जयंती विशेष

 – डॉ हिम्मत सिंह सिन्हा गाँधी जी का स्थान विश्व में महानतम विभूतियों में आता है। वह आधुनिक राष्ट्र के जनक कहे जाते हैं। गाँधी जी भारतीय संस्कृति एवं भारतीय परम्परा के एक महान पुरुष माने जाते हैं। वह इस इस युग के महान शिक्षा शास्त्री  थे।  उन्होंने शिक्षा के सभी अंगों पर राष्ट्रवाद के […]

Personality

भारत में भारतीय शिक्षा को पुनर्स्थापित करने वाले : विवेकानंद – 4 जुलाई, पुण्यतिथि विशेष

 – रवि कुमार आज शिक्षा की चर्चा सर्वत्र है । देश भर में जिस प्रकार की शिक्षा पद्धति चल रही है उसका गुरुत्व केंद्र भारत की बजाय यूरोप है । जोकि 19वीं सदी में अंग्रेजों के समय यहाँ लागू की गई और स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् भी देश में लागू रही । अंग्रेजों के समय […]

Personality

रवीन्द्रनाथ का शिक्षा दर्शन

रवीन्द्रनाथ टैगोर का बचपन उस समय के धनाढय घर की परंपरा के अनसार ही प्रारम्भ हुआ।  उनकी देखभाल सेवकों द्वारा अधिक की गई। बाद में उन्होने स्वयं उस समय को परिवार के ‘सेवकों’ के निरंकुश शासन के रूप में वर्णित कया। उनके ऊपर जो बंधन लगाए गए, उनमें उन्हे घर कैद-सा लगा।  बच्चों को प्राकृतिक […]