- त्रिपुरा केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो गंगा प्रसाद परसाइन विद्या भारती पूर्वोत्तर क्षेत्र के अध्यक्ष नियुक्त।
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन पर विद्या भारती के अखिल भारतीय अध्यक्ष मा. दुसी रामकृष्ण राव जी ने मार्गदर्शन दिया।
- विद्यालयों की गुणवत्ता एवं आगामी योजना हेतु विद्या भारती के अखिल भारतीय सह संगठन मंत्री मा. गोविंद चंद्र महंत जी ने चर्चा की।
- असम हायर सेकेण्डरी शिक्षा परिषद के चेयरमैन मा. रुक्मा गोहांई बरुआ ने साधारण सभा को संबोधित करते हुए कहा – “विद्या भारती के द्वारा भारतीय संस्कृति पर आधारित शिक्षा प्रदान की जाती है, यह प्रशंसनीय है।”
- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्णगोपाल जी ने कहा गुणवत्तायुक्त आचार्यों द्वारा ही गुणवत्तायुक्त छात्रों का निर्माण होगा।
विद्या भारती पूर्वोत्तर क्षेत्र की क्षेत्र बैठक, वार्षिक साधाण सभा व पूर्णकालिक कार्यकर्ता बैठक गुवाहाटी के चंद्रपुर में स्थित विद्या भारती बहुमुखी शैक्षिक प्रकल्प हाजोंगबाड़ी में सम्पन्न हुई।
इस बैठक में विद्या भारती के अखिल भारतीय अध्यक्ष दुसी रामकृष्ण राव, विद्या भारती के अखिल भारतीय सह संगठन मंत्री गोविन्द चंद्र महंत, विद्या भारती के अखिल भारतीय मंत्री एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र संगठन मंत्री ब्रह्माजी राव, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह कृष्णगोपाल जी उपस्थित रहे।
क्षेत्र बैठक में मा. ब्रह्माजी राव ने प्रस्ताविक भाषण प्रदान करते हुए कहा विद्या भारती द्वारा समय-समय पर बैठकों का आयोजन किया जाता है। कोरोना के कारण ऑफलाइन बैठकों में कमी हुई है व ऑनलाइन बैठकें अधिक हुई हैं। क्षेत्रशः बैठक हेतु अखिल भारतीय अधिकारियों का प्रवास पूर्वोत्तर क्षेत्र में हुआ है। परीक्षा के समय जिस प्रकार छात्र एकाग्र होकर तत्पर रहते हैं वैसे ही कोरोना कालखण्ड में सभी कार्यकर्ता बंधुओं को तत्पर रहना चाहिए।
मा. रामकृष्ण राव जी ने कार्यकर्ताओं से जिला केन्द्र विद्यालयों के सुदृढीकरण तथा मानक परिषद के मापदण्डों के आधार पर जिला केन्द्र विद्यालयों के विकास पर चर्चा की। साथ ही उन्होनें कार्यकर्ताओं को बताया कि विद्यालय सामाजिक परिवर्तन का केन्द्र बनें।
कोरोना के कारण पूरे देश में शिक्षा क्षेत्र में आपातकालीन परिस्थिति है। इसी कोरोना काल में शिक्षा नीति की घोषणा हुई। शिक्षा नीति के क्रियान्वयन संबंधी जानकारी के लिये प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया गया। शिक्षा नीति को तैयार करने में जितनी तत्परता से हमने कार्य किया है, उतनी तत्परता से नीति लागू करने में लगना है।
गोविन्द चंद्र महंत जी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के परिप्रेक्ष्य में योग्यता विकास पर मार्गदर्शन दिया। विद्वत परिषद व शोध, संस्कृति बोध, पूर्वछात्र शक्ति की सक्रियता के माध्यम से परिवारों में संस्कारक्षम वातावरण, पर्यावरण संरक्षण, कुपोषित बच्चे व शैक्षिक दृष्टि से पिछड़े छात्रों के उन्नयन के सम्बन्ध में चर्चा की।
कृष्णगोपाल जी ने कार्यकर्ताओं से चर्चा करते हुए बताया गुणवत्तायुक्त आचार्यों से ही गुणवत्तायुक्त छात्रों का निर्माण होगा। मेधावी छात्रों की सहायता करना चाहिए। शिक्षक प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित करना चाहिए।
विद्या भारती पूर्वोत्तर क्षेत्र की वार्षिक साधारण सभा में मुख्य अतिथि के रूप में असम हायर सेकेण्डरी शिक्षा परिषद के चेयरमैन श्री रुक्मा गोहांई बरूआ उपस्थित रहे। उन्होनें कहा विद्या भारती द्वारा भारतीय संस्कृति पर आधारित शिक्षा प्रदान कर रही है, यह प्रशंसनीय है।
गोविन्द चंद्र महंत जी ने मार्गदर्शन देते हुए कहा विद्या भारती पूरे देश में शिक्षा क्षेत्र परिवर्तन लाने के लिए कार्य कर रही है। आज विद्या भारती के विद्यालय संस्कारवान एवं मेधावी छात्रों के द्वारा उदाहरण बन गए हैं।
विद्या भारती के क्षेत्रीय मंत्री सांचिराम पायेंग द्वारा वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। क्षेत्रीय कोषाध्यक्ष विकास नागपुरिया द्वारा गत वर्ष ऑडिट रिपोर्ट एवं बजट प्रस्तुत किया गया। सभा की अध्यक्षता डाॅ. दयानन्द पाठक ने की। आगामी तीन वर्षों के लिये अध्यक्ष हेतु चुनाव प्रक्रिया के माध्यम से त्रिपुरा केन्द्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. गंगा प्रसाद परसाइन को चुना गया।
बैठकों के क्रम में तृतीय दिवस पूर्णकालिक कार्यकर्ताओं की बैठक सम्पन्न हुई। इसमें विशेष रूप से राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन पर चर्चा के साथ शिक्षकों की गुणवत्ता वृद्धि हेतु परामर्श के लिए उपयुक्त लोगों की आवश्यकता के बारे में बताया।