असम चाय जनगोष्ठी शिक्षा संस्कृति न्यास का पांचवां स्थापना दिवस गुवाहाटी विश्वविद्यालय में मनाया गया
चाय जनगोष्ठी की संस्कृति और शिक्षा पर संगोष्ठी आयोजित
गुवाहाटी, 20 अगस्त 2025:
असम चाय जनगोष्ठी शिक्षा संस्कृति न्यास ने अपना पांचवां स्थापना दिवस गुवाहाटी विश्वविद्यालय में धूमधाम से मनाया। इस अवसर पर “चाय जनजाति की संस्कृति और शिक्षा” विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी आयोजित हुई। इसमें शिक्षाविदों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, सांस्कृतिक कलाकारों और सरकारी प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
कार्यक्रम की शुरुआत
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन और संस्कृत वंदना से हुआ। इसके बाद गुवाहाटी विश्वविद्यालय के प्रो. भबेन तांती ने स्वागत भाषण दिया।
न्यास के सचिव ने संगठन की गतिविधियों पर प्रकाश डाला। साथ ही उन्होंने शिक्षा और संस्कृति के क्षेत्र में चल रहे कार्यों को भी रेखांकित किया।
शिक्षा और अनुसंधान को मिलेगा सहयोग
विद्या भारती पूर्वोत्तर क्षेत्र के संगठन मंत्री डॉ. पवन तिवारी ने कहा कि चाय जनगोष्ठी के विद्यार्थियों के शैक्षिक अवसरों को और मजबूत करने की आवश्यकता है।
इसीलिए उन्होंने घोषणा की कि न्यास और विद्या भारती मिलकर आदिवासी चाय और पूर्व-चाय समुदाय के दो शोधार्थियों को ₹25,000 का अनुदान देंगे। इसमें एक पुरुष और एक महिला शोधार्थी शामिल होंगे।

प्रमुख वक्ताओं के विचार
इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य श्री उल्लास कुलकर्णी और गुवाहाटी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. ननी गोपाल महंत ने भी अपने विचार साझा किए।
उन्होंने चाय जनजातियों के सामाजिक-सांस्कृतिक योगदान पर प्रकाश डाला। साथ ही उनके उत्थान हेतु सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता पर भी बल दिया।
गोलाघाट के प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता श्री माखनलाल बढ़ई को सम्मानित किया गया। उन्होंने अपने संबोधन में समुदाय के सामने मौजूद जमीनी चुनौतियों का उल्लेख किया।
उद्घाटन सत्र का समापन श्रीमती कविता तासा के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।
तकनीकी और सांस्कृतिक सत्र
इसके बाद तकनीकी सत्र आयोजित किए गए। इनमें डॉ. जूरी गोगोई कोंवर (तेजपुर विश्वविद्यालय), प्रो. भबेन तांती (गुवाहाटी विश्वविद्यालय) और डॉ. मुकुल चंद्र बोरा (कुलपति, उत्तर लखीमपुर विश्वविद्यालय) ने व्याख्यान प्रस्तुत किए।
वक्ताओं ने भाषा, साहित्य, लोकपरंपराओं और सामाजिक-सांस्कृतिक जीवन के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की।
सांस्कृतिक कार्यक्रम में प्रसिद्ध कलाकार श्री भद्र रजवाड़ ने झुमुर गीत प्रस्तुत किया। इससे पूरे वातावरण में उत्साह और आनंद का संचार हुआ।
समापन
समापन सत्र में श्री बशिष्ठ बुजरबरुआ (क्षेत्र प्रचारक, RSS असम क्षेत्र) और प्रो. स्मृति कुमार सिन्हा (कुलपति, प्रागज्योतिषपुर विश्वविद्यालय) ने अपने विचार साझा किए।
न्यास के अध्यक्ष श्री रंजीत बोरा ने अध्यक्षीय भाषण दिया। उन्होंने शिक्षा और संस्कृति के बीच संतुलन की आवश्यकता पर बल दिया।
अंत में कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान और धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।