पंचपदी शिक्षण पद्धति पर पाँच दिवसीय प्रशिक्षण वर्ग सम्पन्न – विद्या भारती पूर्वोत्तर क्षेत्र का अभिनव प्रयास

विद्या भारती द्वारा गुवाहाटी में शिक्षकों के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन

गुवाहाटी, 20 जून 2025 – विद्या भारती पूर्वोत्तर क्षेत्र ने 16 से 20 जून तक सेवा भारती प्रकल्प, आदिंगिरि परिसर, गुवाहाटी में पंचपदी अधिगम शिक्षण पद्धति पर आधारित एक पाँच दिवसीय प्रशिक्षण वर्ग का सफलतापूर्वक आयोजन किया। इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य शिक्षकों को बालक-केंद्रित, व्यवहारिक और भारतीय मूल्यों पर आधारित शिक्षा पद्धति से अवगत कराना था।

पंचपदी पद्धति – भारतीय शिक्षा की पुनर्परिभाषा

पंचपदी अधिगम प्रक्रिया – अधीति, बोध, अभ्यास, प्रयोग, प्रसार – विद्या भारती की शिक्षण शैली की नींव है, जिसे राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) ने भी मान्यता दी है। यह शिक्षण पद्धति छात्रों के समग्र विकास को केंद्र में रखती है और उन्हें आत्मनिर्भर, जिम्मेदार एवं चिंतनशील बनाती है।

16 जून को दीप प्रज्वलन एवं वंदना सत्र से प्रशिक्षण वर्ग की शुरुआत हुई। उद्घाटन सत्र में विद्या भारती पूर्वोत्तर क्षेत्र के मंत्री डॉ. जगदींद्र रायचौधुरी ने पंचपदी पद्धति के महत्व को रेखांकित किया। शिशु शिक्षा समिति, असम के अध्यक्ष कुलेंद्र कुमार भगवती ने इसे भारतीय शिक्षा की नवाचारयुक्त आधारशिला बताया।

प्रशिक्षण सत्रों का मार्गदर्शन अखिल भारतीय उपाध्यक्ष द्वय डी. रामकृष्ण राव और अवनीश भटनागर तथा प्रशिक्षण प्रमुख अशोक कुमार पांडा ने किया। कुल 20 सत्रों में पंचपदी प्रक्रिया की गहराई से व्याख्या की गई।

समापन समारोह में दृष्टिकोण और अनुभव

20 जून को समापन समारोह में मुख्य अतिथि डॉ. पवन तिवारी (संगठन मंत्री, पूर्वोत्तर क्षेत्र) ने कहा कि पंचपदी पद्धति केवल शिक्षा नहीं, चरित्र निर्माण की दिशा में भी प्रभावशाली कदम है।
अन्य प्रमुख वक्ताओं में अशोक पांडा, पंकज सिन्हा, जगन्नाथ राजवंशी आदि शामिल रहे।

प्रतिभागियों द्वारा साझा किए गए अनुभवों ने इस प्रशिक्षण की सफलता को और भी स्पष्ट किया। श्री पिंकू मालाकार (प्रशिक्षण प्रमुख, दक्षिण असम) ने सत्र का संचालन करते हुए आभार ज्ञापित किया।

शिक्षकों की सक्रिय सहभागिता – बदलाव की दिशा में मजबूत कदम

इस वर्ग में पूर्वोत्तर भारत के सभी राज्यों से आए 63 शिक्षकों, प्रधानाचार्यों और प्रशिक्षण प्रमुखों ने भाग लिया। यह आयोजन भारतीय शिक्षण परंपराओं की पुनर्स्थापना के साथ-साथ शिक्षा क्षेत्र में गुणात्मक सुधार की दिशा में भी मील का पत्थर सिद्ध हुआ।

Related Posts

पूर्वोत्तर शिक्षा सम्मेलन 2.0 और प्रागज्योतिषपुर विश्वविद्यालय स्थापना दिवस गुवाहाटी में होगा आयोजित

विद्या भारती के शैक्षिक आदर्शों से प्रेरित भारतीय मूल्यों पर आधारित शिक्षा के आठ दशकों से अधिक अनुभव से समृद्ध तथा महापुरुष श्रीमंत शंकरदेव की शिक्षाओं द्वारा मार्गदर्शित, असम में…

राष्ट्रीय ताइक्वांडो प्रतियोगिता में पूर्वोत्तर क्षेत्र की शानदार सफलता

झारखंड के रांची में 11 से 15 सितम्बर 2025 तक आयोजित विद्या भारती की 36वीं राष्ट्रीय ताइक्वांडो प्रतियोगिता में पूर्वोत्तर क्षेत्र के प्रतिभागियों ने अपने दमदार प्रदर्शन से सबका ध्यान…

You Missed

पूर्वोत्तर शिक्षा सम्मेलन 2.0 और प्रागज्योतिषपुर विश्वविद्यालय स्थापना दिवस गुवाहाटी में होगा आयोजित

पूर्वोत्तर शिक्षा सम्मेलन 2.0 और प्रागज्योतिषपुर विश्वविद्यालय स्थापना दिवस गुवाहाटी में होगा आयोजित

Sapta Shakti Sangam organized at Donyi Polo Vidya Niketan, Pasighat

Sapta Shakti Sangam organized at Donyi Polo Vidya Niketan, Pasighat

राष्ट्रीय ताइक्वांडो प्रतियोगिता में पूर्वोत्तर क्षेत्र की शानदार सफलता

राष्ट्रीय ताइक्वांडो प्रतियोगिता में पूर्वोत्तर क्षेत्र की शानदार सफलता

প্ৰাগজ্যোতিষপুৰ সাহিত্য উৎসৱ ২০২৫ : ১৪ নৱেম্বৰৰ পৰা কলাক্ষেত্ৰ প্ৰাংগনত সাহিত্যৰ মহামেলা

প্ৰাগজ্যোতিষপুৰ সাহিত্য উৎসৱ ২০২৫ : ১৪ নৱেম্বৰৰ পৰা কলাক্ষেত্ৰ প্ৰাংগনত সাহিত্যৰ মহামেলা

सरस्वती शिशु मन्दिर से निकले छात्र समाज का नेतृत्व कर रहे : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

सरस्वती शिशु मन्दिर से निकले छात्र समाज का नेतृत्व कर रहे : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

काजीरंगा में गणित मेला सम्पन्न

काजीरंगा में गणित मेला सम्पन्न