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रामचरित मानस में पर्यावरण चेतना – रामनवमी विशेष

हम प्रकृति से जुड़कर ही प्रकृति पुरुष राम से जुड़ पाएंगे। क्या हमारे प्रकृतिउन्मुख क्रियाकलापों की स्थिति और उसका स्तर हमारे लोकजीवन के आदर्श श्रीराम के रिश्ते को परिभाषित करते हैं। रामचरित मानस यहीं सन्देश देता है।  – डॉ खुशालसिंह पुरोहित मानव सभ्यता के विकास के प्रारंभिक काल से आज तक जितने भी लोकनायक हुए […]