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आधुनिक भारत और वीरांगना रानी दुर्गावती

हमारी भारतीय सनातन संस्कृति का उद्घोष है – अस्माकं वीराः उत्तरे भवन्तु (१०.१०३ ऋग्वेद) अर्थात् हमारे वीर-वीरांगनायें विजयी होवें। इस गौरवपूर्ण संस्कृति के एक छोर पर गार्गी, मैत्रेयी, अपाला, घोषा जैसी विदुषियों की लम्बी धारा है, वहीं दूसरी ओर, इसी पावन संस्कृति की धर्मध्वजवाहिका कुन्ती, सैरन्ध्री, चेनम्मा, रुद्रमाम्बा, दुर्गावती, लक्ष्मीबाई जैसी वीरांगनाओं की एक लम्बी […]