रवीन्द्रनाथ टैगोर का बचपन उस समय के धनाढय घर की परंपरा के अनसार ही प्रारम्भ हुआ। उनकी देखभाल सेवकों द्वारा अधिक की गई। बाद में उन्होने स्वयं उस समय को परिवार के ‘सेवकों’ के निरंकुश शासन के रूप में वर्णित कया। उनके ऊपर जो बंधन लगाए गए, उनमें उन्हे घर कैद-सा लगा। बच्चों को प्राकृतिक […]