कृष्ण चंद्र गाँधी पुरस्कार वर्ष 2007 से निरंतर पूर्वोत्तर जनजाति शिक्षा समिति द्वारा जनजातीय क्षेत्र में अनुपम सेवायें प्रदान करने वाले एवं पूर्वोत्तर जनजाति शिक्षा समिति के मुख्य उद्देश्य शिक्षादान को मूर्त रूप प्रदान करने व करवाने वाले कार्यकर्ता अथवा संस्था को प्रदान किया जाता है।
स्वर्गीय कृष्ण चंद्र गाँधी जी के व्यापक विचार, अथक मेहनत एवं लगन के परिणाम स्वरूप विद्या भारती के प्रथम विद्यालय की स्थापना हुई। स्वर्गीय गाँधी जी ने पूर्वोत्तर भारत के जनजाति समाज व वन अंचलो में शिक्षा का प्रचार-प्रसार तीव्र गति से बढ़े, इसके लिए कई योजनाए बनाई तथा इन्हें मूर्त रूप प्रदान करवाने के लिए जीवन के महत्वपूर्ण 25 वर्ष पूर्वोत्तर के कई बार भ्रमण कर जनमानस को शिक्षा दान के लिए प्रेरित कर कार्यकर्ताओं व दानदाताओं को जोड़ा एवं प्राथमिक से लेकर महाविद्यालय तक निर्माण कर शिक्षादान के मशाल धारक बनकर समाज को ज्ञानवान बनाया।
स्वर्गीय कृष्णचंद्र गाँधी जी के नाम से अलंकृत यह पुरस्कार कार्यकर्ता का सर्वोच्च सम्मान है एवं अन्य कार्यकताओं को प्रेरणा के साथ-साथ ऊर्जा प्रदान करने वाला है। वर्ष 2007 से अबतक 14 श्रेष्ठ सामाजिक कार्यकर्ताओं को यह पुरस्कार प्रदान किया गया है।

मणिपुर के राजधानी इम्फाल में क्षेत्रीय चिकित्सा विज्ञान संस्थान के जुबिली हॉल में पुरस्कार समारोह का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान के महामंत्री श्रीराम आरावकर जी ने दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। कृष्णचंद्र गांधी पुरस्कार समारोह में मुख्य अतिथि मणिपुर विधानसभा स्पीकर वाय. खेमचंद्र सिंह, विशिष्ट अतिथि शिक्षा मंत्री एस. राजेन सिंह व मुख्य वक्ता के रूप में विद्या भारती के अखिल भारतीय महामंत्री श्रीराम आरावकर उपस्थित रहे। समारोह में विद्या भारती के अखिल भारतीय मंत्री व पूर्वोत्तर क्षेत्र संगठन मंत्री ब्रह्माजी राव, क्षेत्रीय सह संगठन मंत्री डॉ. पवन तिवारी, पूर्वोत्तर जनजाति शिक्षा समिति के अध्यक्ष सदा दत्त, समिति के मंत्री सांचिराम पायेंग, सह मंत्री प्राणजीत पुजारी विशेष रूप से उपस्थित रहे।

पूर्वोत्तर जनजाति शिक्षा समिति द्वारा कृष्णचंद्र गांधी स्मृति पुरस्कार वर्ष 2020 के लिये श्रीमती दिकी दोमा भूटिया को प्रदान किया गया। दिकी दोमा भूटिया कल्याण आश्रम, भारम स्काउट एवं गाइड जैसे संगठनों जुड़कर शैक्षिक एवं सामाजिक कार्यों में भागीदारी करती हैं। उन्होनें एक मातृत्व के रूप में सहयोग, शिक्षिका के रूप में दिशादर्शन व एक बहन की तरह जरूरतमंद लोगों की आवश्यकताओं के लिये कार्य किया है।

समारोह में बाल विद्या मंदिर के छात्रों द्वारा सांस्कृतिक-पारंपरिक नृत्य प्रस्तुत किया गया। डॉ.पवन तिवारी जी ने मंचस्थ अतिथियों का परिचय कराया। शिक्षा विकास समिति मणिपुर के मंत्री डॉ.एम. चौराजित सिंह ने समारोह में उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया। विद्या भारती पूर्वोत्तर क्षेत्र के संगठन मंत्री ब्रह्माजी राव ने प्रस्ताविक भाषण प्रदान करते हुए कर्मयोगी श्रद्धेय कृष्णचंद्र गांधी जी के जीवन पर प्रकाश डाला। विद्या भारती के अखिल भारतीय महामंत्री ने समारोह में उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों को सम्बोधित करते हुए कहा विद्या भारती के द्वारा शिक्षा के माध्यम से संस्कारयुक्त विद्यार्थियों का निर्माण करते हुए भारत को जग सिर मौर बनाना है। उन्होनें जानकारी देते हुए बताया कि विद्या भारती देशभर में मातृभाषा माध्यम में विद्यालयों का संचालन करती है। शिक्षा विकास समिति कें अध्यक्ष वाय.खगेन सिंह जी ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।
Sri Sada Dutta Mananiya Sriram Araokar Sri Rajesh Malpani Sri Brahmaji Rao Sri Sanchiram Payeng