विद्या भारती, अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान की अरुणाचल शिक्षा विकास समिति नाहरलागुन, द्वारा अरुणाचल प्रदेश के बोमडिला स्थित मंजुश्री शिक्षा निकेतन में प्रधानाचार्य विकास वर्ग 2024 आयोजित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित एसएसबी, एसएचक्यू के डीआईजी, एके सिंह ने अपने संबोधन में शैक्षिक पारिस्थितिकी तंत्र में प्रधानाध्यापको की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया तथा उनके प्रभाव की तुलना गति देने वाले रेल इंजन से की। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के महत्व पर जोर देते हुए तथा सभी से अधिक से अधिक वृक्षारोपण करने का भी आग्रह किया। सिंह ने स्कूली अनुशासन के महत्व, मौलिक कर्तव्यों के पालन और नई पीढ़ी की युवा मानसिकता को संस्कारी और प्रगतिशील आकार देने और एक जिम्मेदार समाज और राष्ट्र निर्माण में प्रधानाचार्यों की व्यापक जिम्मेदारियों पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर आयोजन समिति द्वारा उनका स्वागत सम्मान किया गया।
बैठक में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित विद्या भारती पूर्वोत्तर क्षेत्र के संगठन मंत्री डॉ. पवन तिवारी, विद्या भारती पूर्वोत्तर क्षेत्र के प्रशिक्षण प्रभारी धर्म देव ब्रह्माचारी और अरुणाचल शिक्षा विकास समिति के मंत्री ज्ञामर कासुंग उपस्थित थे। मुख्य वक्ता डॉ. पवन तिवारी ने सभी को संबोधित करते हुए नालंदा विश्वविद्यालय की समृद्ध विरासत और प्राचीन शैक्षिक गौरवशाली परंपरा के स्थायी और प्रभाव अंतर्दृष्टि साझा करते हुए उन्होंने शिक्षकों की सीमित लेकिन महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों को लेकर महत्वपूर्ण बिंदुओं पर अपने अनुभव व्यक्त किए और कहा कि समाज में सेवा कार्यों का बहुत सम्मान किया जाता है। डॉ. तिवारी ने शिक्षकों के बीच अपने ऐतिहासिक संबंधों को रेखांकित करते हुए शिक्षा और शिक्षकों के प्रति सामाजिक सम्मान को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया। उन्होंने प्रधानाचार्यों को समर्पण और निष्ठा के साथ संस्कारी शिक्षा दान का नेक काम जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया।
पांच दिवसीय प्रधानाचार्य विकास वर्ग मे विशेष रूप से विविध क्षेत्रों से वरिष्ठ एवं प्रतिष्ठित व्यक्तियों के रूप में एनईपी 2020 के नोडल अधिकारी डॉ. एके मिश्रा, अरुणाचल प्रदेश सरकार के अधिकारी डॉ. मिंटू मोनी शर्मा, तेजपुर विश्वविद्यालय, हिंदी विभाग के प्रोफेसर डॉ. अनुसब्द, डॉ. जोरम अनिया, एसोसिएट प्रोफेसर, डीएनजीसी ईटानगर डॉ. रॉबिन हिसांग, प्रिंसिपल, गवर्नमेंट कॉलेज, सेप्पा ईस्ट कामेंग, नीरी चोंगरोज, सदस्य, एपीएससीपीसीआर आदि उपस्थित रहे। विशेषज्ञों ने इस शिविर के दौरान अपने व्यापक ज्ञान और अनुभवों को साझा करते हुए प्रतिभागियो का मार्गदर्शन किया।
इस दौरान विभिन्न सत्रों में आधुनिक शैक्षिक प्रथाओं, शिक्षा में नेतृत्व और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के कार्यांवयन के विभिन्न पहलुओं को शामिल किया गया। जिसे विशेष तौर पर प्रधानाचार्य विकास वर्ग 2024 प्रधानाध्यापकों के कौशल और ज्ञान को बढ़ाने के लिए तैयार किया गया एक समृद्ध कार्यक्रम था। शिविर में शिक्षा में समकालीन चुनौतियों का समाधान करने के उद्देश्य से इंटरैक्टिव कार्यशालाएं, पैनल चर्चाएं और व्यावहारिक सत्र भी शामिल थे।
विकास वर्ग के दौरान साझा की गई अंतर्दृष्टि और रणनीतियों से अरुणाचल प्रदेश के शैक्षिक परिदृश्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ने की उम्मीद है, जिससे प्रधानाचार्यों को नए जोश और प्रतिबद्धता के साथ अपने स्कूलों का नेतृत्व करने में सशक्त नेतृत्व प्रदान करने को बल मिलेगा।