पूर्वोत्तर जनजाति शिक्षा समिति की कार्यकारिणी बैठक असम प्रकाशन भारती गुवाहाटी में सम्पन्न हुई। बैठक में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ असम क्षेत्र प्रचारक श्री उल्हास कुलकर्णी का मार्गदर्शन समिति के सदस्यों को प्राप्त हुआ।
कार्यकारिणी बैठक में समिति के अध्यक्ष श्री सदा दत्त, मंत्री श्री सांचिराम पायेंग, सह मंत्री श्री संदीप माहेश्वरी व प्राणजीत पुजारी कोषाध्यक्ष सीए श्री सुमित काबरा, विद्या भारती पूर्वोत्तर क्षेत्र के संगठन मंत्री श्री ब्रह्माजी राव, सह संगठन मंत्री डाॅ.पवन तिवारी बैठक में उपस्थित रहे। नागालैण्ड, अरूणाचल, मणिुपर, दक्षिण असम व एकल विद्यालय अभियान के कार्यकर्ता आॅनलाईन बैठक का हिस्सा रहे। समिति के सदस्यों ने कोरोना कालखण्ड में जनजाति क्षेत्र में हुए सेवाकार्य, खाद्य सामग्री, आर्थिक सहायता व मास्क वितरण की जानकारी प्रस्तुत की।
पूर्वोत्तर जनजाति शिक्षा समिति के माध्यम से 97 विद्यालय पूर्वोत्तर भारत के जनजाति अंचल में संचालित किये जाते हैं, इसके अतिरिक्ति 540 एकल विद्यालय कोकराझार व कार्बीआंग्लांग में संचालित किये जाते है। 69 संस्कार केंद्र असम, मेघालय व मणिुपर में जनजाति अंचल में संस्कारयुक्त शिक्षा प्रदान करते हैं। ग्रामीण व नेटवर्क की समस्या वाले क्षेत्रों में बच्चों के घर पर ही छोटे समूहों में शिक्षा प्रदान करने का कार्य आचार्यों ने किया है। एकल विद्यालय के माध्यम से बच्चों के साथ ही ग्रामीणों ने भी योग की कक्षाओं में भाग लिया।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ असम क्षेत्र प्रचारक उल्हास जी ने कार्यकर्ताओं को बताया कि 2025 में संघ की शतवार्शिकी है, तब तब अच्छे प्रेरणा प्रदान करने वाले विद्यालय व उच्च शिक्षा के केन्द्र विद्या भारती को प्रारम्भ करना चाहिए। विद्या भारती के अखिल भारतीय मंत्री ब्रह्माजी राव ने कहा की कोरोना कालखण्ड में नकारात्मकता के वातावरण के मध्य भी सकारात्मक परिणाम समाज में देखने को मिल रहे हैं। कोरोना कालखण्ड में सबसे अधिक प्रभावित शिक्षा क्षेत्र रहा है, शिक्षा क्षेत्र ने भी आॅनलाईन शिक्षा के माध्यम से कम समय में ही देश में एक नये वातावरण का निर्माण किया है, भारत डिजिटल क्षेत्र की ओर अधिक गति से अग्रसर हुआ है।