पूरा विश्व कोरोना वायरस महामारी से ग्रस्त है। भारत में भी कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है। हाल ही में आये आंकड़ो के अनुसार पूर्वोत्तर में कोरोना वारयस बहुत ही तीव्र गति से बढ़ रहा है। विद्या भारती की योजना से संचालित विद्यालय लाॅकडाउन प्रारम्भ होने के साथ ही सामाजिक सहायता के लिए आगे आये। पूर्वोत्तर के विभिन्न प्रान्तों में विद्यालय के आचार्य व कार्यकर्ताओं के साथ पूर्व छात्र भी सामाजिक सहायता के लिए स्थानीय स्तर पर सहयोग प्रदान किये।
अब तक विद्या भारती पूर्वोत्तर क्षेत्र के कार्यालय में प्राप्त जानकारी के अनुसार 189 विद्यालयों ने सेवा कार्य किया। 19580 लोगों को राहत सामग्री के रूप में सहायता प्रदान की जा चुकी है। 3750 मास्क तथा 3262 सेनेटाइजर बोतल भी वितरित किए गए। 1459 कार्यकर्ता सहायता व सेवा कार्यों में सम्मिलित हुए, इसके साथ ही 1126 लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था भी गई। प्रधानमंत्री केयर फंड व मुख्यमंत्री सहायता कोषों में 12लाख 75 हजार 609 रूपये कोरोना से बचाव कार्यों हेतु जमा किये गये।
लाॅकडाउन के चलते विद्या भारती के 372 विद्यालयों के द्वारा आॅनलाइन कक्षाओं का संचालन किया गया जिनमें 26562 विद्यार्थी सम्मिलित हो रहे हैं। विद्यालयों के द्वारा ग्रामों में सामाजिक जागरण भी विभिन्न माध्यमों से किया गया। असम में आध्यात्मिक शक्ति के जागरण के लिए भगवत वंदना का आयोजन किया गया जिसमें 1.5 लाख परिवार सम्मिलित हुए। आॅनलाइन वंदना कक्षाओं के साथ टेस्ट व विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन भी छात्र-छात्राओं के लिए किया गया।
अभाव में प्रभाव:
विद्या भारती के द्वारा संचालित विद्यालयों में आचार्य न्यूनतम मानदेय लेकर भी सामाजिक दायित्व का निर्वहन करते हुए सेवा कार्य करते हैं। वर्तमान परिस्थिति में लगभग 200 विद्यालयों के 6000 आचार्यों के मानधन की व्यवस्था चुनौतीपूर्ण है। पिछड़े अंचल के इन विद्यालयों के अभिभावकों की आर्थिक स्थित भी अच्छी नही है। विद्या भारती के अधिकतर विद्यालय सामाजिक सहयोग से ही चलते हैं। फिर भी इन अभावों की चिंता किये बिना ही आवश्यकता पड़ने पर आचार्य व कार्यकर्ता समाज के लिए उठ खड़े होते हैं।