गुवाहाटी में पी डब्ल्यू डी सभागार में आयोजित रजत जयंती वर्ष के समापन एवं सम्मान समारोह में आनंदमूर्ति गुरु माँ ने जनजाति शिक्षा के लिए कार्य करने वाले महानुभावों को सम्मानित किया। इस समारोह में नेहू के कुलपति डॉ. प्रभाशंकर शुक्ला, अरुणाचल प्रदेश मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री ताई तागक, विद्या भारती पूर्वोत्तर क्षेत्र के अध्यक्ष प्रो. गंगा प्रसाद परसाईं, समिति के अध्यक्ष बसन्त अग्रवाल मंचस्थ रहे।
सम्मान समारोह में रामकुईवान्ग्बे जेमी, शंकर लाल गोयनका, नारायण देव शर्मा, कामें रिन्गु, सांचिराम पायेंग, राजेश मालपानी, दिनेश मोदी, पंकज सिन्हा, स्वाति गर्ग, लोंग्की फांग्चो, वालेनिबा जमीर, डॉ. निर्मल कुमार चौधुरी, लक्ष्मीनारायण भाला, विजय गणेश कुलकर्णी, ब्रह्माजी राव को परम वन्दनीय आनंदमूर्ति गुरु ने सम्मानित किया। इस अवसर पर समिति की स्मरणिका प्राची का भी विमोचन किया गया।
गुरु माँ ने कहा सात राजकुमारियों के क्षेत्र व माँ कामाख्या के क्षेत्र में 25 वर्ष बाद आने का अवसर प्राप्त हुआ है। पूर्वोत्तर की जनजतियो के मध्य विद्या भारती ने शिक्षा के माध्यम से बांध बनाने का कार्य किया है। बच्चो के अन्दर की प्रतिभा पहचानते हुए उन्हें संस्कार प्रदान करने वाले आचार्य नारायण का स्वरूप है। कठिन परिस्थितियों में विद्या भारती ने कार्य करते हुए अनूठी श्रंखला खड़ी की है। हमारे ट्रस्ट ऋषि चैतन्य आश्रम द्वारा शक्ति विद्या निधी के अंतर्गत 33 हजार बालिकाओं को निशुल्क शिक्षा प्रदान की जाती है। उन्होंने पूर्वोत्तर जनजाति शिक्षा समिति के साथ मिलाकर पूर्वोत्तर के बालिकाओं हेतु शिक्षादान के कार्य में सहयोग प्रदान करने का वचन दिया।